
अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है तो वो इस के लिए आवेदन भर सकता है. अगर आप एक भारतीय नागरिक है तो आपको पूरा अधिकार है की आप किसी भी सरकारी संस्थान से कोई भी सुचना मांग सकते हैं.
पोस्ट किया गया: 14 अगस्त, 2019
ये विभाग हैं दायरे में- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दफ्तर- संसद और विधानमंडल- चुनाव आयोग- सभी अदालतें- तमाम सरकारी दफ्तर- सभी सरकारी बैंक- सारे सरकारी अस्पताल- पुलिस महकमा- सेना के तीनों अंग- पीएसयू- सरकारी बीमा कंपनियां- सरकारी फोन कंपनियां- सरकार से फंडिंग पाने वाले एनजीओइन पर लागू नहीं होता कानून- किसी भी खुफिया एजेंसी की वैसी जानकारियां, जिनके सार्वजनिक होने से देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो- दूसरे देशों के साथ भारत से जुड़े मामले- थर्ड पार्टी यानी निजी संस्थानों संबंधी जानकारी लेकिन सरकार के पास उपलब्ध इन संस्थाओं की जानकारी को संबंधित सरकारी विभाग के जरिए हासिल कर सकते हैं Source: https://navbharattimes.indiatimes.com

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15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।

सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।

अंग्रज़ों ने भारत पर लगभग 250 वर्षो तक शासन किया और इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत में शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 बनया, जिसके अन्तर्गत सरकार को यह अधिकर हो गया कि वह किसी भी सूचना को गोपनीय कर सकेगी।

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